शेखावाटी क्षेत्र के सैनिक भारतीय सेना में सबसे ज्यादा होने के कारण अपनी अनूठी पहचान रखता है वहीं अपनी बड़ी बड़ी शानदार एवं ऐतिहासिक हवेलियों और इमारतों के लिए दुनियाभर में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है। शेखावाटी क्षेत्र में सीकर, चूरु एवं झुंझुनूं में कुल 21 विधानसभा सीटें आती हैं। आमतौर पर शेखावाटी क्षेत्र को जाट बाहुल्य वाला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इसके साथ ही यहां मुस्लिम, राजपूत, ब्राह्मण, दलित एवं अन्य जातियों के वोटर्स भी बड़ी तादाद में हैं। पारंपरिक तौर पर जाट बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण शेखावाटी में कई जाट नेता भी हैं, जिनमें से अधिकांश नेता कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं। इस लिहाज से शेखावाटी क्षेत्र को 'जाट लैंड' भी माना जाता है और यहां कांग्रेस की पकड़ कुछ मजबूत दिखाई देती है। हालांकि यहां कई सीटों पर भाजपा की स्थिति भी मजबूत नजर आती है, लेकिन इस बार होने वाले चुनाव में भाजपा को जीत के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
शेखावाटी में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीकर विशाल आम सभा को सम्भोतित किया। इससे पूर्व राहुल गांधी झालावाड़ और कोटा के तूफानी दौरे पर रहे, जहां उन्होंने सूबे की सरकार में मुखिया के गृह जिले में भाजपा का गढ़ ढहाने के लिए आमसभा एवं रोड शो के आयोजन किए। कोटा में नारी शक्ति से संवाद के बाद राहुल गांधी सीधे सीकर पहुंचे। शेखावाटी में भाजपा एवं कांग्रेस के सियासी आंकड़ो पर नजर डालें तो यहां कांग्रेस की स्थिति कुछ ठीक लगती है। हालांकि भाजपा की स्थिति को कमजोर भी नहीं कहा जा सकता।
पिछली बार यानि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शेखावाटी की 21 सीटों में से 11 सीटें हासिल की थी, वहीं कांग्रेस के खाते में 5 और अन्य के खाते में भी 5 सीटें गई थी। इन चुनावों में सीपीएम, बीएसपी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने दोनों ही दलों भाजपा एवं कांग्रेस का सियासी खेल बिगाड़ा था। शेखावाटी में करीब 18 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग हैं। दलित एवं अगड़ी जातियों की सोशल इंजीनियरिंग ने यहां बसपा के टिकट पर सामान्य जाति के उम्मीदवार को जिताया था। इसके साथ ही अगर उससे भी पहले यानि 2008 के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो यहां 21 में से बीजेपी 6 सीटें भाजपा के खाते में आई, जबकि कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत......Read More

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