चौहटन। भारत पाकिस्तान सरहद के सीमावर्ती चौहटन विधानसभा क्षेत्र में इस बार दिलचस्प मुकाबले दिसम्बर के रणभेरी में दिखने की संभावना है। कभी अब्दुल हादी का चौहटन की राजनीति में दबदबा रहा। हादी के दबदबे की सबसे पहले कांग्रेस के भगवानदास डोसी ने तोड़ा, जब हादी दलबदल कर कांग्रेस अर्स में गए उनके चिन्ह पर चुनाव लड़ा, दूसरी मर्तबा गंगाराम चौधरी ने अब्दुल हादी को हराया, तीसरी बार फिर भगवानदास डोसी ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर हराया। चौहटन की राजनीति अब्दुल हादी परिवार के इर्द गिर्द आज भी रहती है। अशोक गहलोत और अब्दुल हादी के काफी नजदीकियां थी। अब्दुल हादी इस दुनिया में नही है मगर लोगों के दिमाग मे आज भी हादी है।हादी के पुत्र गफूर अहमद राजनीति में बराबर सक्रिय है।।सचिन के काफी नजदीक भी माने जाते है इसीलिए माना जा सकता है कि चौहटन में कांग्रेस का उम्मीदवार हादी परिवार की रहनुमाई से आएगा।
चौहटन विधान सभा क्षेत्र में इस बार कुल 2,61,776 मतदाता मतदान में भाग ले सकेंगे जिसमे 1,39,292 पुरुष और 1,22,482 महिला मतदाता है। क्षेत्र का लिंगानुपात औसत से काफी कम 879 है। यानी एक हजार पुरुषों पे मात्र 879 महिलाए है। क्षेत्र में चुनाव की हलचल शुरू हो गई है दोनो प्रमुख दलों में दावेदार अपनी अपनी दौड़ कर रहे है। वर्तमान में भाजपा के तरुण कागा विधायक है। कागा ने अपने कार्यकाल में ठीक ठाक काम किया। कागा सरल स्वभाव के सहज इंसान है। लोगों के बीच बराबर रहे काम काज रूटीन में ठीक ठाक हुआ। मगर चौहटन के चार बड़े मुद्दे जस के तस बकाया पड़े है। जिसमें प्रमुख रूप से सरहदी इलाके में नमक का उत्पादन बाखासर के ऋण में करने की योजना परवान चढ़ी नही। नमक खनन क्षेत्र के उत्पादकों के पट्टे आवंटी, हस्तशिल्पियों के लिए बिक्री सेवा केंद्र, पाक विस्थापितों की खालसा की गई जमीनों का पुन आवंटन, सीमाक्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, पर कोई काम नही हुआ। तरुण कागा सहज, सरल स्वभाव के है। उनमें आक्रामकता नही होने के कारण उनका कार्य समय पर नही हुआ। भाजपा से तरुण कागा के लिये टिकट के दरवाजों का खुलना मुश्किल लग रहा यह भी दीगर है उनके अलावा कोई दमदार नया चेहरा मैदान में दिख नही रह।
इस बार भाजपा से आदूराम मेघवाल और पुराराम मेघवाल ने अपनी सशक्त दावेदारी पेश की है। आदूराम मेघवाल चौहटन जब से सुरक्षित हुई तब से लोगों के बीच आ जा रहे है मगर आदूराम मेघवाल अपने ही समाज अनुसूचित जाति का विश्वास हासिल नही कर पा रहे। विगत चुनाव में आदूराम सिवाना विधानसभा से 2003 का चुनाव लड़े थे भाजपा की टिकट से मगर दुर्भाग्य से आदूराम अपनी जमानत नही बचा पाए तीसरे नम्बर पर रहे। आदूराम के स्थानीय नही होने के कारण स्थानीय शरणार्थी मेघवालों और रहवासी मेघवाल खुलकर उनके समर्थन में नही आ रहे। साथ ही अन्य जातियों के मतदाता भी खामोश है। भाजपा से एक और युवा दावेदार है। गत विधान सभा चुनाव में पुराराम मेघवाल का नाम गया था। मगर गत बार टिकट से वंचित रह गए। मगर इस बार वो दावेदारी केलिए जीतोड़ लगे है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संघ के धुरंधरों के साथ संपर्क साध रहे है। पुराराम कोनरा पंचायत के मेहरानगढ़ गांव के निवासी है। उच्चतम शिक्षित होने के साथ उनकी.......Read More
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