बालोतरा। बालोतरा का नाम जिले के दूसरे बड़े शहरो में आता है। लेकिन अगर बालोतरा के विकास की बात की जाए तो यहां की सड़कें यहां की यातायात व्यवस्था विकास को शर्मशार करती नज़र आ रही है। एक तरफ जहां बालोतरा औद्योगिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है वहीं दूसरी ओर इन औद्योगिक इकाइयों से निकलता धुंआ आज वातावरण को दूषित कर रहा है। इन इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषित पानी जो कि लगातार मरूगंगा के नाम से प्रख्यात लुणी नदी का गला घोटता नज़र आ रहा है। ऐसे में बालोतरा को यातायात की दृष्टि से काफी व्यस्तम शहर कहना भी गलत नही होगा, रेलवे लाइन बालोतरा शहर को दो भागों में बांटे बैठा है। ऐसे आये दिन यातायात सम्बन्धी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
आपको बता दे कि नगर में बहुप्रतीक्षित ओवरब्रिज निर्माण को लेकर शहर और क्षेत्र के लोगों को लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। जयपुर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग कार्यालय में इसके निर्माण को लेकर टेण्डर खोले गए थे। इसमें तीन कंपनियों ने भाग लिया था। नगर की प्रमुख समस्याओं में रेलगाड़ियों के आवागमन के समय रेलवे की दो प्रमुख फाटकें बंद होना है। रेलगाड़ियों के आवागमन के समय प्रथम, द्वितीय रेल फाटक बंद होने पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं। फाटकें खुलने के दस-पन्द्रह मिनट तक यातायात बहाल नहीं होने पर एक से दूसरी ओर आने-जाने को लेकर वाहन चालकों को दिक्कतें उठानी पड़ती है। इस पर लम्बे समय से मांग की जा रही थी। पूर्व केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने 85 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की थी। इससे वाइ आकार में 2 किलोमीटर दूरी में ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है। इसे लेकर मंत्रालय ने टेण्डर जारी किए थे। इसमें दो कंपनियों ने भाग लिया। इस पर इनका तकनीकी व्यू भी....Read more
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