जोधपुर। चार्टर्ड अकाउंटेंट युवती द्वारा जातीय पंचों की प्रताड़ना से आहत होकर खुदकुशी की कोशिश करने के मामले में पहले ही विधिक सेवा प्राधिकरण संज्ञान ले चुका है तो वहीं महिला आयोग ने भी इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है तो वहीं अब पुलिस आयुक्त ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए बनाड़ पुलिस की भूमिका की विभागीय जांच के बाद पुलिस आयुक्त आलोक वशिष्ठ ने बनाड़ थानाधिकारी नियाज मोहम्मद और डिगाड़ी चौकी इंचार्ज एसआई देवकिशन को लाइन हाजिर कर दिया इसके साथ ही केस दर्ज होने के बाद भी आरोपी पंचों द्वारा वसूली को गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी एएसआई मनीष और पूरे प्रकरण में करीब दो महीने से संदिग्ध भूमिका निभाने वाले हैड कांस्टेबल भंवराराम को सस्पेंड कर दिया है।
वशिष्ठ के अनुसार पीड़ित पक्ष की ओर से करीब एक महीने पहले बनाड़ थाने में शिकायत दी गई थी, लेकिन उस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद आयुक्तालय से भेजे गए परिवाद पर भी एक्शन नहीं लिया गया। 25 अक्टूबर को केस दर्ज किया, जिसमें पीड़ित परिवार ने स्पष्ट किया था कि जातीय पंच लाखों रुपए जुर्माना वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। केस दर्ज होने के बावजूद पंचों की ओर से जुर्माना वसूला गया। इतना सब कुछ हो जाने के बाद दिव्या चौधरी को ऐसा कदम उठाना पड़ा। इससे स्पष्ट है कि बनाड़ थानाधिकारी सहित अन्य ने इस प्रकरण में गंभीरता नहीं दिखाई। ऐसा संगीन मामला सामने आने के बाद एडीसीपी महेंद्र सिंह भाटी द्वारा प्रकरण में बनाड़ पुलिस की भूमिका की जांच करवाई गई।
प्रारंभिक स्तर पर जांच के बाद दो अधिकारियों को लाइन हाजिर और दो को सस्पेंड किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। नैणों की ढाणी निवासी दिव्या चौधरी (23) की सगाई करीब 15 साल पहले पाल रोड निवासी जीवराज पुत्र बंशीलाल के साथ हुई थी, लेकिन दिव्या ने शादी से इनकार कर दिया था। इसी बात को लेकर करीब दो महीने से जातीय पंच पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे थे। दिव्या ने इसकी शिकायत गत 12 सितंबर को बनाड़ थाने में इसकी शिकायत दी। इस शिकायत को जांच के लिए डिगाड़ी चौकी भेज दी गई, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि, बार-बार शिकायत पर बनाड़ पुलिस ने पांच पंचों को पाबंद करने की कवायद शुरू करने का दिखावा तो किया, लेकिन........Read More
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