धौलपुर। जिले में नेताओं का पार्टियों से दल बदल होने का दौर लगातार जारी है। कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा के भाजपा में शामिल होने से जिले की राजनीती में भूचाल आया था। इसके बाद अब भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामहेत कुशवाह ने भाजपा का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। बहुजन समाज पार्टी ने बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से रामहेत कुशवाह को बसपा से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। जिससे राजनैतिक उठापटक शुरू हो गई। बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में कुशवाह समाज का खासा वोट यानि 35 हजार वोट बैंक माना जाता है। वहीं जाटव समाज 27 हजार वोट भी बहुजन समाज पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है। जिससे कांग्रेस और भाजपा का गणित बिगड़ रहा है।
हालांकि बाड़ी से दो बार कांग्रेस से विधायक रहे गिर्राज सिंह मलिंगा की पकड़ बहुत मजबूत मानी जा रही है। क्या मलिंगा तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाएंगे यह मतदाता निर्णय करेगा। वहीं दो बार लगातार चुनाव हार चुके जसवन्त गुर्जर पर भाजपा टिकिट देकर दाव खेलेगी यह अभी तय नहीं है। लेकिन जसवंत सिंह टिकिट की लाइन में जरूर खड़े है। लेकिन भाजपा कब तक प्रत्याशी घोषित करेगी यह अभी असमंजस बना हुआ है। बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में गिर्राज सिंह मलिंगा कांग्रेस और बसपा से रामहेत कुशवाह लगभग प्रत्याशी घोषित हो चुके है। लेकिन भाजपा किस उम्मीदवार पर दाव खेलेगी उससे बाद ही राजनैतिक समीकरण असली रंग दिखाएंगे।
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व जिला प्रमुख किशन चंद्र शर्मा ने हाथी का सवारी चुन ली और उन्हें बसपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जिससे धौलपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनावी गणित भी प्रभावित हो चुका है। हाल ही में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा ने कांग्रेस वोट बैंक में सेंध लगाकर ब्राह्मण मतदाता को आकर्षित किया है। जिसकी चर्चाये भी बाजारों में तेजी से हो रही थी। प्रदेश स्तर पर अशोक शर्मा की भाजपा टिकिट चुनाव लड़ने की प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी। लेकिन भाजपा का टिकिट फाइनल होने से पहले बसपा में ब्राह्मण समाज के किशन चंद शर्मा प्रत्याशी बनाकर भाजपा के लिए संकट पैदा हो सकता है। कांग्रेस से डॉ.शिवचरण कुशवाह की दावेदारी मुख्यरूप से मानी जा रही है। वहीं भाजपा की मौजूदा विधायक शोभारानी कुशवाह भी समाज पर बड़ी पकड़ रखती है। धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण करीब 35 हजार, कुशवाह करीब 37 हजार और जाटव करीब 27 हजार हैं। भाजपा के पूर्व जिला प्रमुख किशन चंद्र शर्मा 1998 में बीएसपी की टिकिट पर राजाखेड़ा से चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा और उसके बाद शर्मा ने बीजेपी का दामन थाम कर धौलपुर के जिला प्रमुख बने। अब शर्मा भजपा को छोड़ अपनी पुरानी पार्टी बीएसपी में चले गए।
राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के विधायक प्रधुम्न सिंह का शुरू से दबदबा रहा है। भाजपा और बसपा ने कई बार सशक्त प्रत्याशी उतारने की कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है। लेकिन........Read More
No comments:
Post a Comment