छिपाबड़ोद। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा महर्षि दयानंद अतिथि गृह छिपाबड़ोद में सामाजिक समरसता बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में रामकरण जी मालव, सेतकोलू छीपाबडौद खंड कार्यवाह और मुख्य वक्ता श्रीमान महावीर जी शर्मा बारा विभाग संपर्क प्रमुख थे और कार्यक्रम का संचालन जगदीश जी नागर द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता ने बताया की हिमालय से लेकर समुद्र तक जो भारत देश है वो ईश्वर के द्वारा निर्मित है। जब गांधी जी ने बैरिस्टर की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत में पूरे देश का भ्रमण किया तब उनका वेश सूट और टाई था। भ्रमण के पश्चात समाज की अवस्था देखते देखते हैं उनके शरीर पर केवल धोती आ गई।
गांधीजी सामाजिक अस्पृश्यता को पाप मानते थे और समाज में छुआछूत न हो उसके लिए उन्होंने बहुत प्रयत्न किए जब वे संघ के शिविर में आए तो उन्हें बहुत आश्चर्य और खुशी हुई कि संघ के स्वयंसेवक में छुआछूत नहीं थी और साथ में ही भोजन कर रहे थे। वहां किसी प्रकार की जाती पाती नहीं थी और सब हिंदू थे, सब भाई थे। जब बाबर ने भारत पर आक्रमण किया तब उसको लगा कि मैं हार रहा हूं लेकिन एक रात्रि को भारत के सैनिकों के शिविर में अलग-अलग जलते अलाव का कारण जब उसके गुप्त गुप्तचरो ने बताया कि यहां पर जो भारतीय सैनिक हैं वो अलग-अलग अपना भोजन बनाते हैं। एक दूसरे जाति के साथ भोजन नहीं करते।
तब बाबर को लगा कि में भारत पर विजय प्राप्त कर सकता हूं और उसने उसी प्रकार की योजना बना कर विजय प्राप्त की। हमारे आराध्य श्री रामचंद्र और श्री कृष्ण ने समाज में भेदभाव नहीं किया। सबको गले लगाया वह सब को साथ में लेकर दुष्टों का संहार किया था। उसी प्रकार से समाज में.............Read More
No comments:
Post a Comment