जैसलमेर। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है पर वर्तमान हालातों में ये बात बेमानी सी लगती है लेकिन सोमवार को जैसलमेर में ऐसा मामला सामने आया। जिसमें डॉक्टर मरीज के लिए भगवान बनकर आए। जैसलमेर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जवाहिर चिकित्सालय की जहां के डॉ रवीन्द्र सांखला ने ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया। गम्भीर अवस्था में लायी गयी प्रसूता कुंजा कुमारी को जब जवाहिर चिकित्सालय लाया गया तब वो मौत और जिंदगी के बीच झूल रही थी उसकी बच्चेदानी फट चुकी थी और हिमोग्लोबिन का स्तर मात्र 5 mg था।
जो बुरी स्थिति में थी जिसे बचा पाना बड़ा मुश्किल था। ऐसे में डॉ रवीन्द्र सांखला ने कर दिखाया ऐतिहासिक कारनामा कर उन्होने न केवल प्रसूता की जान बचाई बल्कि बच्चे को भी सुरक्षित बचाया। गंभीर अवस्था में भर्ती कुंजा की बच्चेदानी फट चुकी थी और भारी मात्रा में रक्तस्राव हो रहा था। जिसमें जच्चा बच्चा की जान को भी खतरा था। साथ ही ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप होने के चलते रक्त उपलब्ध हो पाना मुश्किल था। लेकिन इन विषम परिस्थितियों में डॉ रवीन्द्र सांखला ने जैसलमेर के इतिहास में कारनामा कर दिखाया।
डॉ रवींद्र सांखला ने बताया कि यह जैसलमेर का सम्भवतः पहला मामला है जिसमें विपरीत स्थिति को भांपते हुए। मैंने एक नर्सिंग स्टाफ की मदद से प्रसूता और बच्चे को बचाकर दो जान बचायी। प्रसूता कून्जा की बच्चेदानी फट चुकी थी और रक्तस्राव तेज था। हिमोग्लोबिन का स्तर काफी कम था। जिससे जान बचा पाना मुश्किल था। परन्तु ईश्वर की कृपा रही और मेहनत ने साथ दिया और हमने ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया। उन्होने यह भी कहा कि कुछ दिन पूर्व ही ऐसा मामला अस्पताल में आया था।
जिसमें हमने प्रसूता की जान जा सकती थी स्थिति की गंभीरता से परिजन को अवगत करवाया था। लेकिन परिजन की हठधर्मिता से उसे यहां से रेफर किया गया रास्ते में पोखरण के आसपास प्रसूता की जान चली गयी थी बाद में आरोप हम पर लगा दिया था। आज हमारी सफलता से हमें काफी सुकून मिला है। प्रसूता कुंजा कुमार के ससुर मांगी राम ने बताया कि मेरी बहु की हालत काफी खराब थी।
अस्पताल लाने से पहले हमें काफी गुमराह किया गया। लेकिन जैसलमेर के सरकारी अस्पताल लाने के बाद डॉ रवीन्द्र सांखला हमारे लिए भगवान की तरह आए और कुंजा और बच्चे दोनोँ की जिंदगी बचायी। अगर आज डॉक्टर साहब नहीँ होते तो अनर्थ हो जाता। ReadMore
No comments:
Post a Comment