पुष्कर। रत्नागिरी पर्वत पर जगत पिता ब्रह्मा की प्रथम पत्नी सावित्री माता पर सरकार की ओर लगाए गए। रोपवे पर्यटन के क्षेत्र में वरदान साबित हो रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में देश और विदेशी पर्यटक रोपवे में बैठकर पहाड़ी पर स्थित माता सावित्री मंदिर पहुंच कर देवी मां दर्शन कर रहे। वहीं पर्यटन सावित्री मंदिर पहाड़ी के तीर्थ पुष्कर सरोवर को निहारकर अपने आपको खुश नसीब मान रहे। वहीं पर्यटक सावित्री माता मंदिर की करीब साढ़े सात सौ फीट उच्ची पहाड़ी से फोटोग्राफी करके खूबसूरत पहाड़ियों और पुष्कर सरोवर के खूबसूरत दृश्य को कैमरे में कैद करके ले जा रहे है।
सरकार ने पुष्कर में पर्यटकों को बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रही है। इस कड़ी में सरकार ने पुष्कर की जनता की मांग पर सावित्री माता रोपवे निर्माण को लेकर कोलकाता की दामोदर रोपवे कम्पनी से निर्माण कराया।दामोदर रोपवे कम्पनी ने करीब सवा दो साल में सावित्री रोपवे का निर्माण कार्य पूरा करके सरकार को सौंप दिया। सरकार ने 3 मई 2016 देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए रोप वे शुरू कर दिया। जिसके बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोपवे में बैठकर सावित्री पहाड़ी पर पहुंचकर देवी के दर्शन कर रहे। सावित्री पहाड़ी पर रोपवे में बैठकर जाने वाले देशी ओर विदेशी पर्यटकों की हर साल बढ़ोतरी हो रही है।
इस माना जा रहा कि पुष्कर में सावित्री रोपवे पर्यटन के क्षेत्र में बिल्कुल वरदान साबित हो रहा है। सरकार ने करोड़ों की लागत से पर्यटकों की सुविधा के लिए रोपवे बनाकर एक नया आयाम स्थापित किया है। लेकिन सावित्री माता पहाड़ी पर जाने वाले पर्यटकों के अच्छी सुविधा उपलब्ध अभी तक नजर नहीं आ रही है। हालांकि सरकार ने सावित्री मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर सीढियो के निर्माण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सावित्री मंदिर के तहलती पर सरकार ने पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं की है।
लेकिन पहाड़ी पर सुविधा की बात की जाए तो बेमानी होगी। पहाड़ी पर मंदिर परिसर के अलावा पर्यटकों के लिए बैठने की अच्छी व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा पहाड़ी पर सुलभ शौचालय नहीं है। जिसके कारण........Read More
No comments:
Post a Comment