करोली। सूरौठ ग्राम पंचायत के निवासी रामजीलाल सिंघी जो बचपन में ही अपनी दोनों आँखों को खो चुके थे और उनकी पत्नी भी आधे रस्ते साथ छोड़ के चल बसी। अब रामजीलाल की तीन बेटियों का दारोमदार अकेले उन्ही के कदमों पर आ गया। पूरा जीवन बेटियों के लालन पालन के लिए और भीख मांगने में निकाल दिया। तीनों बेटियाँ बड़ी हो गयी और अपने पापा का साथ देने लगी और बड़ी बेटी अपने पापा का हाथ पकड़ कर घर घर जाकर भीख मांग अपना गुजर बसर करती थी।
अब रामजीलाल को अपनी बेटियों की शादी करने की चिंता होने लगी न उसके पास घर हैं न पैसा। मगर आज की इस मतलब भरी दुनिया में ऐसे लोग मौजूद हैं जो दूसरे के दर्द को अपना समझते है। सूरौठ के किसी नेक व्यक्ति उनके को समझा और आज रामजीलाल की तीनों बेटियों की शादी धूम धाम से करवाई। बारात भी आयी, फेरे भी हुए और भोजन भी हुआ। तो तीनो बेटियों को जीवन में काम आने वाले तमाम रोजमर्रा का सामान शादी में दिया गया। ReadMore
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