भरतपुर। कामां विधानसभा क्षेत्र के पहाड़ी में मिट्टी के बर्तन बनाना सीखने के लिए यूएसए निवासी एक दंपत्ति एक गरीब कुम्हार के घर आ गया। जहां यह दंपत्ति 28 दिनों तक रहकर मिट्टी के बर्तन बनाना सीखें और फिर अपने देश जाकर खुद मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू करेंगे और उसकी ऑनलाइन बिक्री करेगा क्योंकि उनका मानना है की मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग वातावरण के लिए काफी फ्रेंडली होता है और सेहत के लिए काफी फायदेमंद है इसलिए वे मिट्टी के बर्तनों को बनाकर उनकी बिक्री अपने देश में करेंगे। कामा के पहाड़ी कस्बे में रहने वाले कुम्हार देवेंद्र प्रजापत ने बताया की दो वर्ष पहले उसने अपने फेसबुक पेज पर मिट्टी के बर्तनों के फोटो शेयर कर दिए थे।
जिसको देखकर यूएसए निवासी जेम्स एलन स्प्रिंगर ने उसका मैसेज के जरिये पुछा कि क्या इन मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाया जा सकता है और सब कुछ बताने पर उन्हें मिट्टी के बर्तन मंगाए जिनका उपयोग उनको काफी अच्छा लगा और उन्होंने तय कर लिया कि वे इंडिया आकर उनके घर पहुंचे जहां कुछ दिन रहकर मिट्टी के बर्तन बनाना सीखें। जेम्स एलन स्प्रिंगर अपनी पत्नी क्रिस्टीना एंजेला स्प्रिंगर के साथ विगत 1 नवंबर को उनके घर कामा मेवात के पहाड़ी आये है। जहां रहकर वे मिट्टी के बर्तन बनाना सीख रहे है और 28 नवंबर को वापस अपने देश लौट जायेंगे।
यह विदेशी दंपत्ति पूरे 28 दिन तक कुम्हार के घर पर ही रहेगा जहां रहकर वे मिट्टी के बर्तन बनाना सीख रहे है साथ ही मिट्टी के चूल्हे पर खाना कैसे बनाया जाता है इसको भी जानकारी ले रहे है। विदेशी दंपत्ति यहां प्रजापत के घर में रहकर ही देशी खान पान, रहन सहन के तौर तरीके और मिट्टी के बर्तनों को बनाना और उनके उपयोग के तरीके सीख रहे है। अपने देश जाकर इस तरीके से पूर्ण रूप से अपनाएंगे। क्योंकि उनका मानना है कि.......Read More
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