कोटा। हर दर्द की दवा के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है लेकिन डॉक्टर की सलाह के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़े तो इससे बड़ा दर्द क्या होगा। एमबीएस अस्पताल में यह हालात हफ्ते में मंगलवार और शुक्रवार को देखने को मिलते हैं। जब एक ही दिन, एक ही समय, एक ही स्थान, पर अस्पताल के तीन विभागाध्यक्ष अपनी सेवाएं देते हैं। तीनों विभागों के कमरे के बाहर मरीजों की भारी भीड़ और अपने नंबर को लेकर जद्दोजहद करता नजर आता है।
एमबीएस अस्पताल के ओपीडी में मंगलवार और शुक्रवार को अस्पताल के तीन बड़े डॉक्टर न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजय सरदाना कमरा नम्बर 116 और 113 गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.अनिल शर्मा कमरा नम्बर 108 और कमरा नंबर 118 में ओर्थोपेडिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक तिवारी अपनी सेवाएं देते हैं। इसके साथ ही कमरा नंबर 109 में हफ्ते के सातों दिनों में मरीजों का मेला लगा रहता है। ऐसे में मरीजों की धारणा बनी हुई है।
किसी भी बीमारी का उपचार विभागाध्यक्ष ही अच्छे प्रकार से कर सकता है। जिसके चलते कोटा सहित अन्य जिलों के लोग भी अपने मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। सप्ताह के 2 दिन अस्पताल में मरीजों का ऐसा तांता लगा रहता है कि मानो अस्पताल में मेला लगा है। जहां से मरीज तो क्या किसी भी व्यक्ति को यहां से निकलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तीनों विभागाध्यक्ष के कमरों के बाद मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है।
यहां आए हर मरीज को अपने नंबर के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। लाइन में होते हुए विभागाध्यक्ष के कमरे में पहुंचने में मरीजों को रणभूमि में युद्ध लड़ने जितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। झालावाड़ जिले के रायपुर से आए विध्यासागर गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. विजय सरदाना को दिखाने पहुंचे है। सुबह 9:00 बजे से 12:30 बजे तक लाइन में लगने के बावजूद अभी तक नंबर नहीं आ पाया। यदि पानी पेशाब आदि के लिए लाइन छोड़कर जाते हैं तो अन्य व्यक्ति उनकी जगह पर आ जाता। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन को मरीजों की भीड़ को देखते हुए।
तीनों के समय में परिवर्तन करना चाहिए। जिससे मरीजों को भीड़ का सामना ना करना पड़े। मां का इलाज करवाने के लिए डॉ. विजय सरदाना को दिखाने पहुंचे यूवक ने बताया कि मेरी मां का इलाज के लिए उन्हें स्ट्रक्चर की मदद से यहां तक लाया हूं लेकिन लंबी होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गार्ड डॉक्टर से मिलने नहीं दे रहे। उसका कहना है कि नंबर आने के बाद ही कमरे में प्रवेश दिया जाएगा। इस मामले पर दो माह से नजर रखे हुए हैं। यह सेवाएं सुपर स्पेशलिस्ट्स ब्रांच की है।
न्यू मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं शुरू होने के साथ ही एमबीएस अस्पताल में मरीजो की भीड़ कम होगी। इन विभागाध्यक्ष के समय या दिन में बदलाव करने से स्थिति ज्यो की त्यों बनी रहेगी। लोग आपने मरीजो को विभागाध्यशो को दिखाना पसंद करते हैं।
सबसे ज्यादा भीड़ न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष विजय सरदाना, गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा के कमरों के बाहर सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इसको लेकर तीनो विभागाध्यक्षों से बात कर उनके कमरों का स्थान परिवर्तित करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही अन्य समस्याओं को लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी के साथ मिलकर अस्पताल का निरीक्षण किया जा रहा है और जो भी समस्या होगी उससे दूर किया जाएगा। ReadMore
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